Tuesday, July 5, 2011

कई बार

कई चीजे समझ को नहीं अपनाती
कई चीजों को हम समझना नहीं चाहते
कई बार सच -झूठ का अंतर मुश्किल होता है
कई बार बार -बार कहा गया झूठ मेहनतकश सच होता है
कई बार विचार मजबूरन अपनाने होते है
कई विचारो के प्रेम मे हृदय रोते है
कई बरसातों से दो सोच मिल जाती है
कई बरसातों से धरती तक हिल जाती है
कई गीत जीत का राग होते है
कई गीतों को गा कर मजबूर दिल रोते है
कई होठ शब्दों को श्हेद मे घोल देते है
कई होठ बंद रहकर भी बोल देते है
कई आँखे प्रेम ,झिझक ,गुस्सा ,शरारत दिखाती है
कई आँखे अपनों की बेइजती पर भी झुक जाती है
कई जानवर प्यार ,अपनेपन के भूके होते है
कई जानवर जिन्दगी को अपने पंजो मे पिरोते है
कई हवाए दिल बदल कर खुशियाँ लाती है
कई हवाए सोच को झुंझला जाती है
ये कई शब्द अपने नियंत्रण मे नहीं रहता
तो कई को छोड़ हर बार को याद करो
जो बदल सकते है उसे बदल बनो विजेता
और कई बार को याद कर हर बार से शुरुआत करो |