Monday, August 17, 2009

मायूसी

आज फिर स्याही बिछाई है , क्योकि किस्मत फिर कयामत बन आई है !

अगर बोझ दिल की जगह सर पर हो तो सही
अगर दिल दब जाए बोझ से तो बोघ जिंदगी नही लाशे ही उठाती है !

अब तो मोजो के नजदीक डर लगता है
पर दूर खड़ी जिंदगी इन्ही मोजो सी मोज उठती है !

जब तक रगों से रहे मिजाजे दोस्ताना सुकू देते है
और जब लगे हर रंग बदसूरत तो यही रंग खुशी के दिए बुघाते है मुस्कुराते है !

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